
देहरादून(अनिल शीर्षवाल)। एनजीसी के जनरल मैनेजर से साइबर ठगों ने शेयर मार्केट में निवेश का झांसा देकर 7.40 करोड़ रुपये ठग लिए। उन्होंने अपनी जमा पूंजी तो गंवा ही दी, वहीं दोस्तों, रिश्तेदारों से उधार लेकर ठगों के खातों में रकम ट्रांसफर कराई।
उत्तराखंड में साइबर ठगी का यह अब तक का सबसे बड़ा मामला है। इस मामले में साइबर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।
एसटीएफ के एसएसपी नवनीत भुल्लर के अनुसार संजीव कुमार आर्या निवासी अजबपुर खुर्द नेहरू कॉलोनी ने साइबर थाने में तहरीर दी कि वह ओएनजीसी अगरतला त्रिपुरा में जनरल मैनेजर हैं। गत 15 जून को उन्हें एक अनजान नंबर से व्हाट्सएप पर लिंक भेजा गया था। लिंक क्लिक करते ही वह एम-02 वेल्थ सीक्रेट्स एक्सचेंज नाम के व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ गए।
कैसे हुई ठगी
उन्होंने बताया कि मुकेश कुमार शर्मा और ज्योति गौतम नाम की महिला ग्रुप की एडमिन थी। एडमिन की ओर से ग्रुप में फ्री स्टॉक टिप्स दिए जाते थे। इसमें कहा गया कि शेयर मार्केंट में इनवेस्ट कर वह अच्छा लाभ कमा सकते हैं। 25 जुलाई को ग्रुप में एक एप का लिंक शेयर किया गया। संजीव ने एप खोली और अपने आधार कार्ड नंबर से रजिस्ट्रेशन कर दिया। इसके बाद उन्हें दूसरे व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ दिया गया। इस ग्रुप में शेयर मार्केट में निवेश के लिए प्रेरित किया जाता था। उन्होंने लालच में आकर निवेश का मन बना लिया। एक महिला ने उन्हें मैसेज भेजकर कुछ अकाउंट नंबर भेजे। कहा कि वह धनराशि संबंधित अकाउंट में डाल दें।
22 जुलाई से 20 अगस्त तक उन्होंने 15 बैंक खातों में कुल 7 करोड़ 39 लाख 50 हजार रुपये जमा करा दिए। कंपनी की ओर से उन्हें निवेश से तीन से चार गुने का फायदा दिखाया गया। कंपनी की एप में उनके अकाउंट में 100 करोड़ रुपये दिखाए जा रहे थे।
बैंक से लोन, दोस्तों से लिया उधार
एसएसपी ने बताया कि संजीव कुमार करीब 57 साल के हैं। साइबर ठगों में झांसे में आकर उन्होंने जीवन भर की कमाई गंवा दी। पहले अपने जमा ढाई करोड़ रुपये दे दिए। बाकी रकम पूरी करने के लिए बैंक से लोन और दोस्तों, रिश्तेदारों से उधार लिया। अब पैतृक संपत्ति बेचकर उधार चुकाने की नौबत आ गई है।
ठगी का हुआ अहसास
संजीव ने 21 अगस्त को उन्होंने कंपनी में 05 करोड़ रुपये निकालने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया। दूसरे ही दिन उन्हें तीन करोड़ रुपये टैक्स भरने के लिए कहा गया। उन्होंने टैक्स काटकर शेष रकम डालने के लिए कहा तो कंपनी ने बताया कि इंटरनेशनल ब्रोकर फर्म होने के कारण टैक्स अलग से देना होगा। इससे उन्हें ठगी का अहसास हो गया।



