
देहरादून(ब्यूरों)। देवगुरु बृहस्पति मिथुन राशि में अतिचारी अवस्था में पूर्व दिशा में 9 जुलाई 2025 को उदय होने जा रहे हैं सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह उदय होने से सभी राशियों के लोग प्रभावित होंगे साथ ही त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव भी प्रभावित होंगे। कुछ राशि वालों पर इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा।

*ज्योतिष में अंतर्राष्ट्रीय हस्ताक्षर आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल *दैवज्ञ” विस्तृत विश्लेषण करते हुए कहते हैं ,कि गुरु ग्रह को बहुत ही शुभ और प्रभावशाली ग्रह माना गया है। ये सुख-समृद्धि, ज्ञान, विद्या, विवाह, संतान और आध्यात्म का कारक ग्रह माना जाता है। गुरु एक वर्ष तक किसी एक राशि में रहते हैं फिर इसके बाद दूसरी राशि में गोचर करते हैं। गुरु के गोचर या फिर चाल में बदलाव का प्रभाव सभी 12 राशियों के जातकों पर पड़ता है। देवगुरु बृहस्पति का मिथुन राशि में उदय 9 जुलाई को होने जा रहा है। और इस समय उत्तराखंड राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव भी चल रहे हैं ,तो इन चुनावों में गुरु के उदय होने पर धर्म ,सत्य और ईमानदारी के रास्ते पर चलने वाले लोगों को सफलता मिलेगी तो झूठ और अधर्म के रास्ते पर चलने वालों को मुंह की खानी पड़ेगी।*

मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए गुरु बृहस्पति नवम और बारहवें भाव के स्वामी होते हैं और 9 जुलाई को गुरु के मिथुन राशि में उदय होने से यह तीसरे भाव में होंगे। ऐसे में करियर में अच्छे मौके मिलेंगे। मंगल और बृहस्पति का उपाय करके स्थिति मजबूत करने पर जीवन में तरक्की के कई अवसर मिलेंगे। लाभ के मौके में वृद्धि हो सकती है। जो लोग विदेश यात्रा पर जाने चाहते हैं उनको अवसर प्राप्त हो सकते हैं। कार्यक्षेत्र में कोई बड़ी उपलब्धि हासिल हो सकती है। आर्थिक स्थिति बेहतर रहेगी।
मिथुन राशि
देवगुरु बृहस्पति मिथुन राशि के जातकों के लिए उनकी कुंडली के सातवें और दसवें भाव के स्वामी ग्रह होते हैं। और अब जब गुरु का मिथुन राशि में उदय होगा तो यह आपके पहले भाव में होगा। ऐसे में यदि सूर्य और बृहस्पति की स्थिति को उपाय करके मजबूत कर दिया जाए तो आत्मविश्वास में वृद्धि देखने को मिलेगी। करियर में अहम बदलाव दिखाई देगा। मन में नकारात्मक विचार दूर होंगे। अतिरिक्त धन की प्राप्ति होगी। लेकिन इस दौरान खर्चो में भी वृद्धि देखने को मिलेगी।
कर्क राशि
यद्यपि कर्क राशि के द्वादश भाव में देवगुरु बृहस्पति उदय हो रहे हैं इससे घर से दूर रहने का योग बनेगा परंतु यदि सूर्य और बुद्ध की स्थिति को कुंडली में मजबूत कर दिया जाए तो गृह क्षेत्र में ही प्रमोशन मान सम्मान की प्राप्ति होगी, माता के स्वास्थ्य को लेकर सावधान रहें तथा 15 अक्टूबर 2025 तक पी नाम के लोगों की सलाह से दूर रहे अन्यथा अपयश मिलेगा।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति पंचम और आठवें भाव के स्वामी ग्रह होते हैं। 9 जुलाई को जब गुरु का उदय मिथुन राशि में होगा तब यह ग्यारहवें भाव में होगा। ऐसे में लाभ में वृद्धि होगी और सभी तरह की इच्छाएं पूरी होंगी। करियर में कोई बड़ा पद हासिल हो सकता है। जो लोग किसी व्यापार से जुड़े हुए हैं उनके लिए नए मौके आ सकते हैं। आर्थिक पक्ष में मजबूती आएगी।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति चौथे और सातवें भाव के स्वामी होते हैं ,और अब 9 जुलाई को यह दशम भाव में उदय हो रहे हैं। जिससे इनके करियर-कारोबार में बदलाव देखने को मिल सकता है। व्यवसाय में अच्छा मुनाफा और तरक्की के मौके आएंगे। आय में वृद्धि देखने को मिलेगी।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति तीसरे और छठे भाव के स्वामी होते हैं, और अब जब मिथुन राशि में उदय होंगे तो नवम भाव में होंगे। नवम भाव भाग्य का भाव होता है। अपनी मेहनत का फल मिलेगा। यदि कुंडली में शुक्र और शनि की स्थिति को उपाय करके मजबूत कर दिया जाए तो करियर में अच्छी तरक्की और मौके मिल सकते हैं ,जिससे मान-सम्मान और आर्थिक स्थिति में बदलाव देखने को मिलेगा। आर्थिक रूप से आपकी सभी तरह की इच्छाएं पूरी होंगी।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी होते हैं और 9 जुलाई को मिथुन राशि में उदय होने पर यह आपके पंचम भाव में होगा। ऐसे में अच्छे और शुभ परिणाम की प्राप्ति होगी। करियर में लाभ के भरपूर मौके मिलेंगे। नई योजना में मुनाफा बढ़ेगा और आय में अच्छी खासी वृद्धि देखने को मिलेगी। यदि कुंडली में शनि और मंगल की स्थिति को मजबूत कर दिया जाए तो शिक्षा , रोजगार ,विवाह,प्रमोशन ,राजनीति के क्षेत्र में बदलाव देखने को मिलेंगे।
मीन राशि
इस राशि के स्वामी स्वयं देव गुरु बृहस्पति हैं और इसके चतुर्थ भाव में उदय हो रहे हैं , इससे भूमि, भवन, जायदाद का लाभ प्राप्त होगा यदि कुंडली में बृहस्पति की स्थिति को मजबूत कर दिया जाए तो प्रमोशन, राजनीति में सफलता, विवाह एवं संतान प्राप्ति के योग प्रबल हो जाएंगे।



