देहरादून(गौरव कलौनी)।उत्तराखण्ड सहकारी समिति अधिनियम 2003 की धारा 29 (2) में निर्दिष्ट समय सीमा के अन्तर्गत ऐसी समस्त सहकारी समितियां जिनकी प्रबन्ध कमेटी का कार्यकाल समाप्त हो गया है, की नई प्रबन्ध कमेटी के पुनर्गठन की विधि को दृष्टिगत रखते हुए निर्वाचन योग्य समितियों में उक्त अधिनियम की धारा 29 (3) के अधीन निर्वाचन करवाया जाना अपरिहार्य हो गया है।
मा० उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड नैनीताल में योजित रिट याचिका सं0-325/एम०बी० 2024 में मा० उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 14.08.2024 तथा दिनांक 20.08.2024 को सुनवाई करते हुऐ प्रारम्भिक कृषि ऋण सहकारी समितियों की प्रबन्ध कमेटी के पुनर्गठन हेतु माह अक्टूबर 2024 में प्रस्तावित निवार्चन तिथियों का संज्ञान लिया गया है, किन्तु कतिपय जिला सहब्धयक निबन्धक/जिला सहायक सहकारी निर्वाचन अधिकारीयों एंव मण्डलीय उप निबन्धक सहकारी समितियों द्वारा
उत्तराखण्ड शासन सहकारिता अनुभाग की अधिसूचना संख्या-222247/xiv-1/2024-07 (04) 2016, दिनांक 04 जुलाई, 2024, के द्वारा प्रतिस्थापित व्यवस्थानुसार महिला आरक्षण हेतु निर्धारित प्रक्रिया पूर्ण न हो पाने के कारण अतिरिक्त समय की मांग की गयी है।
अतः उत्तराखण्ड सहकारी समिति अधिनियम 2003 यथा संशोधित की धारा 29 (3-क) में सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण, उत्तराखण्ड को प्रदत्त शक्तियों के अधीन राज्य में पंजीकृत समस्त बहुउद्देशीय प्रारम्भिक कृषि ऋण सहकारी समितियां जिनकी प्रबन्ध कमेटी का कार्यकाल पूर्ण हो चुका है, की नई प्रबन्ध कमेटी के पुनर्गठन हेतु प्रबन्ध कमेटी के सदस्यों, सभापति, उपसभापति तथा अन्य संस्थाओं को भेजे जाने वाले प्रतिनिधियों के निर्वाचन हेतु एतदद्वारा निम्नानुसार निर्वाचन तिथियां निर्धारित की जाती है-