बहादराबाद(अनिल शीर्षवाल)।आदर्श ड्रामेटिक क्लब द्वारा आयोजित श्री रामलीला महोत्सव में पांचवें दिन गत रात्रि धनुष यज्ञ एवं लक्ष्मण परशुराम संवाद की लीला देखकर दर्शक रोमांचित एवं भाव विभोर हो गये। सीता स्वयंवर के लिए भव्य मंच सभी को आकर्षित कर रहा था। सीता स्वयंवर के बाद जब भगवान श्रीराम ने जनक जननी मां सीता को वरमाला पहनाई तो पूरा मैदान जय श्री राम और सीताराम के जयघोष से गुंजायमान हो गया।
श्री आदर्श ड्रामेटिक क्लब के तत्वाधान में गत रात्रि सीता स्वयंवर लीला मंचन को देखने के लिए दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ी। धनुष यज्ञ लीला का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रमोद चौहान कृष्ण खाद भंडार और ठाकुर राजेश चौहान ने भगवान श्री गणेश की आरती और दीप प्रज्जवलित कर किया। दोनो अतिथियों का ग्राम प्रधान नीरज चौहान व ठाकुर कुंवरदीप सिंह ने प्रतीक चिह्न व पटका पहनाकर सम्मानित किया।
अतिथि सम्मान के बाद धनुष यज्ञ एवं लक्ष्मण परशुराम संवाद लीला का सुन्दर मंचन प्रारम्भ हुआ। धनुष यज्ञ लीला के लिए सजाया गया मंच सभी को आकर्षित कर रहा था। दरबार में माता सीता अपनी सखी सहेलियों के साथ स्वयंवर के लिए उपस्थित थी। उनके पिता राजा जनक ने दूर दूर से राजा एवं महाराजा और शूरवीरों को आमंत्रित किया था। लंकापति रावण और अयोध्या से सूर्यवंशी महाराज दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र श्री राम के साथ ही प्रतापी राजा सीता का स्वयंवर करने के लिए आये थे। राजा जनक सीता स्वयंवर के लिए भगवान शिव का धनुष दरबार में प्रस्तुत करते हुए उनको तोड़ने वाले वीर से ही सीता का विवाह करने की शर्त रखते हैं।लंकापति रावण भी यह धनुष तोड़ने का प्रयत्न करते हैं, लेकिन वो सफल नहीं हो पाते। अंततः भगवान श्रीराम इस धनुष को तोड़कर माता सीता से विवाह करते हैं और उनको अयोध्या ले आते हैं। धनुष यज्ञ लीला में सभी कलाकारों ने अदभुत अभिनय प्रतिभा का प्रदर्शन कर इस लीला का सजीव चित्रण दर्शकों के सम्मुख करते हुए उनको मंत्रमुग्ध कर दिया। लक्ष्मण और परशुराम के बीच संवाद की लीला ने भी दर्शकों को रोमांचित कर दिया।लक्ष्मण का अभिनय कर रहे पत्र शिवा ने शानदार प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।