मुजफ्फरनगर(मनोज चौहान)। लावारिसों की वारिस क्रांतिकारी शालू सैनी महिलाओं के लिए बनी प्रेरणा स्रोत जिनके निस्वार्थ सेवा के चर्चे यूपी में ही नही बल्कि पडोसी राज्यों में भी जन जन के लबों पर छाये हुए है। गत 28 अक्टूबर को भगवान धनवंतरी धाम अनुसंधान संस्थान व्यास द्वारा फियरलेस शालू को उत्तराखंड व उत्तरप्रदेश के सहारनपुर जिले में आयोजित किये गए कार्यक्रम के दौरान सम्मानित किया गया। वही समिति के अध्यक्ष ने क्रांतिकारी शालू सैनी को सम्मानित करने के दौरान महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बताते हुए बेसहारा महिलाओें को आत्म निर्भर बनाने के लिए प्रेरित किया गया। इस दौरान क्रातिकारी शालू सैनी ने अपने संबोधन में कहा कि किसी भी परिस्थिति में महिलाओं को अपने आप को अबला या कमजोर नही समझना चाहिए, क्योकि जो अपनी हार पहले ही मान चुका हो उसको जीतने का मजा नही आता। उन्होने कहा कि अक्सर महिलाएं अपने आप को कमजोर समझने लगती हैं और अराजक तत्वों एव आदम खोर मानवों की साजिश का शिकार हो भी जाती हैं। यदि महिलाए चाहे तो वह क्या नही कर सकती।क्रांतिकारी शालू सैनी महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए तैयार करती है ताकि हर महिला झांसी की रानी बनकर जिए।