
हरिद्वार(नीति शर्मा)। जनपद हरिद्वार के अंतर्गत संचालित सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। यह बैठक मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) श्रीमती आकांक्षा कोण्डे की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में जल संस्थान के अधिशासी अभियंता विपिन चौहान तथा बाल विकास विभाग की ओर से सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) उपस्थित रहे।
बैठक में बाल विकास विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद में कुल 3,179 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं, जिनमें से 1,320 आंगनबाड़ियां सरकारी भवनों में हैं। इनमें से 635 आंगनबाड़ी भवनों में पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित की जानी थी। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता ने बताया कि अब तक 114 आंगनबाड़ी केंद्रों में पेयजल आपूर्ति से संबंधित सभी कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि शेष आंगनवाड़ी केंद्रों में पेयजलापूर्ति संबंधी सभी कार्य आगामी 31 अक्टूबर 2025 तक पूर्ण कर लिए जाएंगे। अधिशासी अभियंता ने यह भी कहा कि सभी कार्य गुणवत्तापूर्ण तरीके से और निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरे किए जा रहे हैं।
मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती आकांक्षा कोण्डे ने कार्यों की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि किसी भी स्थिति में गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने सभी सीडीपीओ और सुपरवाइजरों को निर्देश दिए कि कार्य प्रारंभ एवं पूर्ण होने के उपरांत शासन द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए “क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेट” प्रदान करें।
अंत में, सीडीओ ने जल संस्थान के अधिशासी अभियंता को निर्देश दिए कि 31 अक्टूबर तक सभी कार्य उच्च गुणवत्ता के साथ पूर्ण किए जाएं। साथ ही, उन्होंने बाल विकास विभाग के सभी अधिकारियों को आपसी समन्वय बनाते हुए निर्धारित समय सीमा में कार्य पूर्ण कराने के निर्देश दिए। सीडीओ ने कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य और सुविधा से जुड़ा यह कार्य प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है।
