
हरिद्वार(अनिल शीर्षवाल)। मुख्य विकास अधिकारी, हरिद्वार के कार्यालय में जिला सहकारी बैंक लिमिटेड, हरिद्वार की प्रशासनिक समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता प्रशासक/मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे द्वारा की गई।
बैठक का मुख्य उद्देश्य बैंक की वित्तीय एवं प्रशासनिक गतिविधियों की समीक्षा करना और भविष्य की रणनीतियों पर विचार-विमर्श करना था। बैठक में निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई:
31 अगस्त तक की बैंक की एनपीए वसूली, विभिन्न ऋणों (फसली ऋण, कृषि ऋण) की वसूली और वितरण की गहन समीक्षा की गई। बैठक में बैंक की शाखाओं को और अधिक आधुनिक बनाने के लिए कोर बैंकिंग सॉल्यूशन सॉफ्टवेयर के यूजर एक्सेप्टेंस टेस्टिंग तथा माइक्रो- एटीएम संबंधी बैंक मित्र पॉलिसी को भी स्वीकृति दी गई। भारतीय रिजर्व बैंक और नाबार्ड द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुपालन पर जोर दिया गया, जिसमें बैंक में मानव संसाधन नीति और संशोधित जोखिम प्रबंधन नीति को लागू करना शामिल है। शाखावार ऋण वितरण एवं जमा वृद्धि की समीक्षा की गई। साथ ही, वित्तीय वर्ष 2024-25 की ऑडिट परीक्षा रिपोर्ट के प्रकाशन हेतु अनुमोदन प्रदान किया गया।
बैठक के अंत में मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे ने किसानों को दिए जाने वाले ब्याज मुक्त ऋण के समय अंतर्गत एवं लक्ष्यानुसार वितरण हेतु निर्देशित किया गया, ताकि अधिक से अधिक किसान इस योजना का लाभ उठा सकें।बैंक प्रबंधन को ऋण वसूली में तेजी लाने, ग्राहकों को बेहतर तकनीकी सेवाएं प्रदान करनेके निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बैंक की प्रगति के लिए एक स्पष्ट और प्रभावी कार्ययोजना आवश्यक है। बैठक में बैंक की सचिव/ महाप्रबंधक वंदना लखेड़ा तथा दीपक कुमार, अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।


