
हरिद्वार(नीति शर्मा)।विश्व आयुर्वेद परिषद,उत्तराखंड द्वारा हरिद्वार के श्री राधा कृष्ण धाम में अग्निकर्म एवं विद्दकर्म की तीन दिवसीय कार्यशाला का आज शुभारंभ हुआ। कार्यशाला के उद्घाटन कार्यक्रम में सोनीपत से सांसद एवं राधाकृष्ण धाम के अध्यक्ष श्री सतपाल ब्रह्मचारी जी महाराज ने कहा कि आज के युग में आयुर्वेद का महत्व बढ़ता जा रहा है । एलोपैथिक औषधियों के दुष्प्रभाव के कारण लोगों का रुझान आयुर्वेद की ओर बढ़ रहा है । उत्तराखंड में आयुर्वेद के उत्थान की अपार संभावनाएं हैं । यह जड़ी बूटियां का प्रदेश है एवं पर्यटक भी उत्तराखंड की ओर आकर्षित होते हैं यहां पर्यटन के रूप में भी आयुर्वेद की बहुत संभावनाएं हैं।

उद्घाटन कार्यक्रम में आयुर्वेद विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ आर. पी. सिंह ने अग्निकर्म एवं विद्कर्म को प्रभावी चिकित्सा बताया एवं आज के युग की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि इस पर और अधिक अनुसंधान करने की आवश्यकता है और इसके अधिक से अधिक प्रयोग की आवश्यकता है जिससे की जनता को इसका लाभ मिल सके और दर्द निवारण में इसका उपयोग किया जा सके । विश्व आयुर्वेद परिषद उत्तराखंड के संरक्षक डा यतेंद्र सिंह मलिक ने बताया कि आयुर्वेद परिषद इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करता रहता है जिससे कि चिकित्सकों में एवं विद्यार्थियों में आयुर्वेद के प्रति रुचि बढे एवं उनके ज्ञान एवं कर्म अभ्यास में लाभ हो सके ।
परिषद के अध्यक्ष डॉ उत्तम कुमार शर्मा ने परिषद की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी एवं कहा कि आयुर्वेद के द्वारा हम राष्ट्र के उत्थान में सहायक हो सकते हैं, राष्ट्र को परम वैभव पर पहुंचाने में हम सहायक हो सकते हैं एवं रोगियों की सेवा करके उनकी चिकित्सा करके उनको सही उपचार प्रदान कर सकते हैं। इस कार्यशाला में पुणे से पधारे विख्यात विद्धकर्म विशेषज्ञ डा. अमोल उत्तम बनसोडे द्वारा प्रतिभागी आयुर्वेद चिकित्सकों को विद्धकर्म का प्रशिक्षण दिया गया।

उद्घाटन कार्यक्रम का संचालन परिषद के सचिव तथा कार्यशाला के मुख्य आयोजन सचिव डॉ. विपिन कुमार अरोड़ा ने किया । उद्घाटन कार्यक्रम में ऋषिकुल के सेवानिवृत प्रो. विनीत अग्निहोत्री, पंचकर्म विशेषज्ञ प्रो. अशोक शर्मा, प्रो. प्रेमचंद शास्त्री, प्रमुख समाजसेवी श्री देशराज शर्मा, चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रभारी डॉ आशीष मिश्रा, परिषद के महासचिव विनीश गुप्ता,कोषाध्यक्ष अनुमेहा जोशी, उत्तराखंड प्रांत के विद्यार्थी प्रकोष्ठ के प्रभारी डा. आशीष गोस्वामी, डॉ. सुशील शर्मा उपस्थित रहे।

इस कार्यशाला के आयोजन सचिव डॉ अरुण कुमार एवं डा वीरेंद्र नाथ तथा हरिद्वार जिला के उपाध्यक्ष डॉ. अभिषेक सक्सेना का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ। अग्निकर्म एवं विद्दकर्म की कार्यशाला में देशभर के विभिन्न प्रांतो राजस्थान, हरियाणा, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि के 80 चिकित्सकों ने प्रतिभाग कर रहे है। इस कार्यशाला में आगामी दिवस में जलगांव के प्रख्यात चिकित्सक वैद्य उदय तल्हार द्वारा अग्निकर्म विषय पर प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया जायेगा। कार्यक्रम का समापन 23 अप्रैल को किया जायेगा।
