
रुड़की(ब्यूरों)। नगर के वरिष्ठ समाजसेवी तथा किसान नेता चौधरी सुभाष नंबरदार ने हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर अपने गणेशपुर स्थित कार्यालय में क्षेत्र के अनेक पत्रकारों का सम्मान किया। उन्होंने कहा कि पत्रकार समाज और देश का दर्पण होते हैं,जो नई दिशा देने में अपनी भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि रुड़की क्षेत्र के सभी पत्रकार स्वच्छ और निष्पक्ष पत्रकारिता के साथ नगर की समस्याओं को भी अपने समाचारों के माध्यम से उठा कर उनका निस्तारण भी कराते हैं। प्रेस क्लब के पांच बार के पूर्व अध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार संदीप तोमर ने कहा कि हर वर्ष पूरे देश में तीस मई को हिंदी पत्रकारिता दिवस मनाया जाता है और बड़ी-बड़ी घोषणाएं होती हैं,लेकिन पत्रकारों की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता। उन्होंने बताया कि आज से दो सौ वर्ष पूर्व 30 मई 1826 को कलकत्ता से पंडित जुगल किशोर शुक्ला ने हिंदी का पहला साप्ताहिक समाचार पत्र उदंत मार्तंड निकाला था,जो उस समय बहुत जोखिमपूर्ण और अंग्रेजो के खिलाफ बहुत बड़ा कदम था,जिसके द्वारा राष्ट्रवाद की भावना के साथ-साथ अपनी मातृभाषा के प्रति जागरूकता का भी श्रीगणेश था। उन्होंने बताया कि आर्थिक परेशानी और अंग्रेज सरकार की रुकावटों के कारण इस पत्र के केवल 79 अंक ही निकल पाए,मगर उसके माध्यम से पूरे देश में अंग्रेजी,बंगाली और फारसी के मुकाबले हिंदी भाषा का तेजी के साथ अविर्भाव हुआ। उन्होंने कहा कि इस दिन पंडित जुगल किशोर शुक्ला की सेवाओं से हमें सबक लेकर पत्रकारिता के आदर्श मूल्यों को स्थापित करने की जरूरत है। आज के पत्रकारिता दौर को उन्होंने दबाव का शिकार बताते हुए कहा कि यहां किसी राजनीतिक दल या सरकार विशेष को केंद्रित नहीं किया जा सकता,लेकिन पिछले कुछ दशकों में भारतीय पत्रकारिता विभिन्न स्तरों पर दबाव का शिकार हुई है। इसके लिए पत्रकार से ज्यादा उनके संस्थान स्वामियों की व्यवसायिकता जिम्मेदार है पर उनके सामने भी बाजार में खड़े रहने का सवाल है। इस स्थिति के परिणाम यह निकल रहे हैं कि सच्ची पत्रकारिता घुटन का शिकार हो रही है। आर्थिक मोर्चे पर वास्तविक पत्रकार परेशान हैं तो अपनी सोच से लिखने का अधिकार भी उससे लगभग छिन ही गया है। ऐसे पत्रकारों की संख्या सिमटती जा रही है जो अपने पुत्र या पुत्री को पत्रकार ही बनाना चाहते हों। कुल मिलाकर इस स्थिति का बढ़ना आम जनता के लिए ही कष्टदायक होने वाला है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उर्दू कौमी गुलदस्ता के सम्पादक व शायर अफजल मंगलौरी ने कहा कि आज पत्रकारिता एक बहुत जोखिम भरा तथा चुनौती पूर्ण मिशन है। उन्होंने कहा कि महानगरों के मुकाबले छोटे कस्बों और ग्रामीण अंचलों में ज्यादा मेहनत और चुनौतियां हैं।सरकार द्वारा भी कोई विशेष सुविधा व सुरक्षा इन पत्रकारों को नहीं मिल पाती,जो चिंता का विषय है। इस अवसर पर पत्रकार राजकुमार चौधरी,प्रेस क्लब रुड़की के अध्यक्ष बबलू सैनी,अनिल त्यागी,इमरान देशभक्त तथा अंकित त्यागी आदि पत्रकारों को चौधरी सुभाष नम्बरदार ने शाल,पुष्प माला व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।


