
हरिद्वार(अनिल शीर्षवाल)। भारतीय किसान यूनियन(महात्मा टिकैत) के वीआईपी घाट पर हुए 3 दिवसीय राष्ट्रीय चिंतन शिविर में यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल तालान ने किसानों से जुड़ी 16 मांगों का एक मांग पत्र प्रधानमंत्री मोदी को प्रेषित किया है। प्रधानमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल तालान ने मांग की है कि दिल्ली के लम्बे आंदोलन के बाद भारत सरकार ने एमएसपी कानून पर लिखित आश्वासन दिया था। किसानों की एमएसपी के दायरे में आने वाली समस्त जींशो की एमएसपी पर गारण्टेड बनाये जाये।
किसान का सम्पूर्ण कर्जा माफ किया जाये व खेती के काम आने वाले उपकरणों (ट्रैक्टर इंजन आदि) को जी0एस0टी0के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए। स्वामीनाथन की कमेटी का C2+50 के फार्मूले के आधार पर किसानों की जींशो (फसलेलों) की कीमत तय की जाये। कृषि से जुडे हुये उत्पाद को भी एमएसपी के दायरे में लाया जाये। जैसे की दूध, फल, सब्जी, मत्सयपालन आदि।
दिल्ली आंदोलन के दौरान शहीद हुये किसानों के परिवारों को रू0 25 लाख का मुआवजा व एक परिवार मे एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाये व खनौरी बॉर्डर व शम्भू बॉर्डर पर 13 जनवरी 2024 के आन्दोलन में किसानो पर लगे सभी मुकदमो समाप्त किय जाए व आन्दोलन के दरमियांन शहीद परिवारो को 25 लाख रू० मुआवजा राशि व परिवार के एक सदस्य को एक सरकारी नौकरी दी जाए।
लखीमपुर खीरी किसानों की हत्या काण्ड में लिप्त अभियुक्तों (हत्यारों) को लम्बें समय के बाद कोई सजा नहीं मिली है जबकि प्रजातांत्रिक प्रणाली के द्वारा 2024 के लोक सभा चुनाव में हराकर उनके अभियुक्त (हत्यारे) होने का प्रमाण जनता ने दे दिया है। भारतीय किसान यूनियन (महात्मा टिकैत) माननीय प्रधानमंत्री जी सक करवद्व प्रार्थना करता है कि अपनी
निष्पक्षता व किसान हिमायती का सबूत देते हुये अभियुक्तों को तुरन्त फांसी जैसी कठौर सजा दी जाये, जिससे भविष्य में ऐसी जघन्य अपराध की पुनरावृत्ति ना हो।
पंजाब व हरियाणा में 13 फरवरी 2024 से चल रहे किसान धरने का अविलम्ब निवारण कराया जायें। सम्पूर्ण भारत में गन्नें की कीमतें (रेट) रू0 600 प्रति कुन्टल की जाये। देश में सरकार ने गन्ना मिल मालिकों को एथनॉल बनाने की अनुमति देकर देश के पूंजीपति व सरकार न बड़ा लाभ कमाया है, जिसमें प्रमुख उत्पादककर्ता किसान का मुख्य लाभ सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है। पेपर लीक होने की दशा में एक कठोर कानून बनाया जाये क्योकि इसमें किसानों के बच्चों का भविष्य अंधकारमय व आर्थिक नुकसान हो रहा है। अग्निवीर जैसी योजनाओं को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाये। सम्पूर्ण भारत में कृषि भूमि का सर्किल रेट समान रूप से बढना चाहिए। सरकारी संस्थाओं का निजीकरण पूर्णतः रोका जाये। भूमि अणिग्रहण में 2013 के मूल स्वरूप को लागू करते हुए सर्किल रेट के साथ-साथ बाजार रेट क संज्ञान लेकर किसान को मुआवजा दिया जाना चाहिए।
किसानों व मजदूरों के बच्चों को शिक्षा व चिकित्सा प्राईवेट व सरकारी संस्थानों में निशुल्क प्रदान की जायें। खेतीहर-मजदूरों को भूमिहीन किसानों की श्रेणी में लाकर किसान सम्मान निधी जैसी सरकारी योजनाओं में शामिल किया जाये। सम्पूर्ण भारत में किसानों के निजी नलकूप का विद्युत बिल माफ किया जाना चाहिए। संज्ञान दिया जाता है कि वर्तमान में कई प्रदेशों में निजी जलकूपो का बिल माफ है जैसे कि उत्तर प्रदेश।




